ताज़ा
खबर /
|
श्री बजरंग सेना
स्थापना की तिथि - 06-04-2019
- धर्म रक्षा, धर्म प्रचार
- राष्ट्र रक्षा
- गौ रक्षा
- साधु संतो एवं मठ मंदिरों की रक्षा
- समग्र विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार
- भारत के गाँव गाँव तक हिन्दुत्व का प्रचार प्रसार एवं धर्म सभा के माध्यम से जन जागृति
- जातिवाद एवं सम्प्रदाय को छोडकर धर्म को मजबूत बनाना
- गोशाला का निर्माण एवं योग्य आयोजन से संभालना
- संस्कृत पाठशाला का निर्माण एवं संचालन तथा स्कूलों का निर्माण करना ।
- समय समय पर धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को सक्रिय रखना ।
नियम
संगठन में जवाबदारी मात्र और मात्र उन्ही कार्यकर्ता को दी जाएगी जो संगठन
का आजिवन सदस्य होगा।
संगठन ने तीन प्रकार के सदस्य बनाए जाएंगे | 1) सामान्य सदस्य, 2) सक्रिय
सदस्य
राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रतिवर्ष दो राष्ट्रीय अधिवेशन अलग अलग राज्यों में आयोजित
करेगी तथा सभी राज्यों के प्रतिनिधि मंडल की बैठक होगी ।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रत्येक राज्य पर निगरानी रखेगी एवं योग्य समय पर कार्य
सूचि की जांच भी करेगी कि
राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एक पदाधिकारी प्रति माह अलग अलग राज्य का प्रवास
कर उन्हें निरन्तर मार्गदर्शन देता रहेगा।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिया गया निर्णय सर्व सामान्य होगा, राष्ट्रीय
कार्यकारिणी किसी भी पदाधिकारी को तलब कर उनसे पूरा ब्योरा मांग सकती
हैं।
हितेश विश्वकर्मा श्री बजरंग सेना राष्ट्रीय अध्यछ है यह संगठन किसी के विरोध में नही बल्कि हिन्दूओं को चुनोती देने वाले असमाजिक तत्वों से रक्षा के लिये हुआ में हुआ है ।
श्री बजरंग सेना की स्थापना कब हुई?
हितेश विश्वकर्मा बचपन से ही सनातन धर्म के लिए काम करते थे , जब भारत में एक प्रोडूसर द्वारा पद्मावती नाम से फिल्म बनायीं गयी , जिसका विरोध पूरा हिन्दू समाज कर रहा था तब जा कर फिल्म का नाम बदल कर पद्मावत कर दिया गया , उसका भी पूरा का पूरा विरोध किया गया , इसके लिए हितेश विश्वकर्मा को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया तब उन्होंने ये प्रण लिया था की गुजरात में फिल्म पद्मावत नहीं लगने देंगे और यह नारा दिया था की वह सिनेमा हॉल जलेगा जिसमे फिल्म पद्मावत चलेगा और सूरत के सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पेट्रोल और गंगा जल और पत्थर को फुल मीडिया के सामने बता कर यह कहा था की जो सिनेमा हॉल में फिल्म चलेगी , उस सिनेमा हॉल का फुल से स्वागत किया जायेगा, और इसका जबरजस्त हज़ार पड़ा और गुजरात में फिल्म पद्मावत नहीं लगी , तब उन्होंने यह निश्चय किया हम श्री बजरंग सेना का निर्माण करेंगे और इसको पुरे भारत में सनातन धर्म के लिए फैलाएंगे। इस वजह से श्री बजरंग सेना की स्थापना 6 अप्रैल 2019 को गुजरात के सूरत में किया गया।
श्री बजरंग सेना स्थापक कौन?
हितेश विश्वकर्मा श्री बजरंग सेना के स्थापक है हितेश विश्वकर्मा (जन्म 23 जुलाई 1985) एक समाज सेवक है। जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में हुआ था और उन्होंने अपनी पढ़ाई भगवान गौत्तम बुद्ध इंटर कॉलेज में पूरी की। 2017 में 16 मई से 20 मई के बिच दिल्ली में जंतर मंतर में राम मंदिर के लिए अनसन किया और 21 मई को सुबह अयोध्या पहुंचे जहा राम मंदिर के लिए भूमि पूजन की। इन्होने 2018 -19 में 3 बार राम कथा कराई। (2 बार सूरत और 1 बार अयोध्या में ) केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली योजना को लोगो तक पहुंचाया। जैसे की राशन कार्ड , महा कार्ड जैसी योजना को लोगो तक पंहुचा कर मदद की और RTE के तहत गरीब बच्चो की फीस माफ़ कराया है और इस सेवा को पिछले 4 सालो से कर रहे है और आगे करते रहेंगे। साथ ही साथ समय समय पर आश्रम में सेवा देने जैसे कार्य भी हितेश विश्वकर्मा जी करते है। 2018 में पद्मावत फिल्म रिलीज़ ना हो इसके लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
श्री बजरंग सेना का मतलब क्या?
- धर्म रक्षा, धर्म प्रचार,
- राष्ट्र रक्षा
- गौ रक्षा
- साधु संतो एवं मठ मंदिरों की रक्षा
- समग्र विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार
- भारत के गाँव गाँव तक हिन्दुत्व का प्रचार प्रसार एवं धर्म सभा के माध्यम से जन जागृति
- जातिवाद एवं सम्प्रदाय को छोडकर धर्म को मजबूत बनाना
- गोशाला का निर्माण एवं योग्य आयोजन से संभालना
- संस्कृत पाठशाला का निर्माण एवं संचालन तथा स्कूलों का निर्माण करना ।
- समय समय पर धार्मिक आयोजनों के माध्यम से समाज को सक्रिय रखना ।
-हितेश विश्वकर्मा श्री बजरंग सेना राष्ट्रीय अध्यछ है यह संगठन किसी के विरोध में नही बल्कि हिन्दूओं को चुनोती देने वाले असमाजिक तत्वों से रक्षा के लिये हुआ में हुआ है ।